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गोवा( बीच पर मस्ती) goa tourist place information in hindi

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भारत का गोवा राज्य अपने खुबसुरत समुद्र के किनारों और मशहूर स्थापत्य के लिए जाना जाता है ।गोवा क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे छोटा राज्य है ।यहाँ लगभग 450 सालों तक पुर्तगालियों का शासन था 1961 में यह भारतीय प्रशासन को सौपा गया । उसके बाद इसे राज्य घोषित किया गया यहाँ की राजधानी पणजी है। गोवा का समुद्री तट लगभग 101 किलोमीटर लम्बा है । यहाँ ज्यादातर युवा सैलानियों का तांता लगा रहता है यह कहना गलत नहीं होगा कि यहाँ की बीच मस्ती , नाइट बीच पार्टी ,एडवेंचर स्पोर्ट्स, बार कैफे सनबाथ आदि का रंगीन माहौल युवाओं को खुब पसंद आता है। यह हनीमून का प्रसिद्ध स्पाट भी है । नव विवाहित जोड़े अधितकतर यहाँ आते है । गोवा में लगभग छोटे बड़े 40 बीच है गोवा बीच पर मस्ती   अगोंडा बीच:- यह बीच साउथ गोवा में स्थित है । यह बहुत लम्बा एंव चौड़ा बीच है । शहर के शोरगुल से दूर यहाँ आने से मन शांत हो जाता है । यहाँ अधिक भीड़भाड़ नहीं होती रिलैक्स करने का यह उत्तम स्थान है । यहाँ बीच के किनारे हटस है ।  जहाँ आप अपने साथी के साथ रूक सकते है तथा प्राकृतिक सौंदर्य का आनन्द ले सकते है।   गोवा के सुंदर बीच ...

नेपाल के पर्यटन स्थल - nepal tourist place information in hindi

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हिमालय के नजदीक बसा छोटा सा देश नेंपाल। पूरी दुनिया में प्राकति के रूप में अग्रणी स्थान रखता है । सैर सपाटे के लिए दुनियाभर के सैलानियों की यह प्रमुख पसंद है । खुबसूरत फिजाएँ अनगिनत चमकती पर्वत श्रृंखलाएं हरे भरे जंगल झीलें नदियाँ झरनों से सजीधजी हरियाली बरबस ही पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है । ऐसा लगता है कि कुदरत यहाँ हर शय पर महरबान है । जिससे यहाँ के मनमोहक नजारे हर किसी का मन मौह लेते है नेपाल का प्राकृतिक सौंदर्य यहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य की बात करें तो कुदरती खुबसूरती का ऐसा नजारा यहाँ देखने को मिलता है कि निहारते ही दिल तरोताजा महसूस  करने लगता है । प्राकति के सौंदर्य से भरे नेपाल में मंदिरों, स्तूपों पैगोडा ओर आस्था के कई अन्य स्थानों के अलावा ऐतिहासिक इमारतें भी है नेपाल में ही दुनिया की सबसे उंची चोटी ( माउंट एवरेस्ट) हिमालय पर्वत की चोटी जिसकी उंचाई 8848 मीटर यही पर है । जिसके साथ अद्भुत ओर रोमांचकारी बर्फ से ढकी पर्वत श्रृंखलाएं है । दुनियां के दस सबसे उंचे पर्वतों में से आठ नेपाल में ही है । एवरेस्ट के अलावा कंचनजंघा, लोहोल्स, नकालू ,चून्ओपू, धौलागिरी , मान्सलू , और ...

गणतंत्र दिवस परेड

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गणतंत्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है । अगर पर्यटन की नज़र से देखें तो यह भी एक बहतरीन व्यू प्वाइंट हैं । इस दिन देश विदेश के कोने कोने से हजारों पर्यटक इस भव्य समारोह की परेड़ देखने भारत की राजधानी दिल्ली पहुँचते है । यू तो यह समारोह हर राज्य की राजधानी में मनाया जाता है  तथा छोटे- छोटे स्तर पर प्रत्येक स्कूल व सरकारी दफ्तरों में भी मनाया जाता है । किन्तु देश की राजधानी दिल्ली में आयोजित इस समारोह की बात ही कुछ अलग है । गणतंत्र दिवस इतिहास एक स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा इस संविधान को अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को इसे एक लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था । 26 जनवरी को इसलिए चुना गया था क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ( आई ० एन० सी) ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था । यह भारत के तीन राष्ट्रीय अवकाश में से एक है । अन्य दो स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती है । सन् 1929 के दिसम्बर में लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन पं...

जोधपुर ( ब्लू नगरी) jodhpur blue city - जोधपुर का इतिहास

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जोधपुर का नाम सुनते ही सबसे पहले हमारे मन में वहाँ की एतिहासिक इमारतों वैभवशाली महलों पुराने घरों और प्राचीन मंदिरों का ख्याल मन में आता है ।जोधपुर के राज्य राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा शहर है । वर्ष भर चमकते सूर्य के कारण इसे सूर्य नगरी भी कहा जाता है ।यहाँ स्थित मेहरानगढ़ किले को घेरे हुए हजारों नीले मकानों के कारण इसे ब्लू नगरी के नाम से भी पुकारा जाता है । वर्ष भर देश विदेश से हजारों की संख्या में पर्यटक यहाँ आते है जोधपुर का इतिहास मेहरानगढ़ का किला:- विश्व भर में प्रसिद्ध यह किला 150 मीटर ऊची पहाड़ी पर स्थित है । यह भव्य इमारत लगभग 5  किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैली हुई है ।किले के अन्दर भी कई भव्य महल है जैसे:- मोती महल , सुख महल, फूल महल, शीश महल, , सिलेह खाना, दौलत खाना आदि आदि । यहाँ की अद्भुत नक्काशीदार किवाड़ जालीदार खिड़कियाँ और प्रेरित करने वाले नाम पर्यटकों को खुब पसंद आते है इन महलों में भारतीय राजवंशों के साजो समान का विम्स्यकारी संग्रह भी है । इसके अतिरिक्त पालकियां हाथियों के हौदे विभिन्न  शैलियों के लघु चित्र संगीत वाघा राजशाही पोशाकें व फर्नीचर का आश्चर्य जनक संग्...

लाल किला किसने बनवाया - लाल किले का इतिहास और तथ्य

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यमुना नदी के तट पर भारत की प्राचीन वैभवशाली नगरी दिल्ली में मुगल बादशाद शाहजहां ने अपने राजमहल के रूप में दिल्ली के लाल किले का निर्माण कराया था। इससे पूर्व आगरे का प्रसिद्ध किला मुगल वंशीय बादशाहों द्वारा निर्मित हो चुका था परन्तु शाहजहां ने दिल्‍ली नगरी में मुख्य रूप से निवास करने की दृष्टि से सन 1638 में लाल किले के निर्माण का कार्य प्रारम्भ कराया। लाल किले के निर्माण का कार्य लगभग 10 वर्षों तक चलता रहा। राज्य भवनों के वैभव और सौंदर्य की दृष्टि से यह किला भारत में विशेष ख्याति पाता है। जिस समय मुगल साम्राज्य अपने यौवन के उभार में था उस समय शहंशाह जैसे भव्य भवनों के निर्माता ने इस दुर्ग में सुन्दर से सुन्दर भवन बनवाने में अपने शक्ति लगाई। लाल किले के सुंदर दृश्य   कहा जाता है कि जब मुगल सम्राट शाहजहां का मन  आगरा में न लगा उस समय उसने यमुना तट दिल्ली में शाहजहांनाबाद नाम से एक नगरी बसाई ओर वहीं पर लाल किला नाम से एक विशाल राजमहल का निर्माण कराया। उस राज महल को सुरक्षित करने के लिये उसके चारों ओर लाल पत्थर की सुदृढ़ प्राचीर बनवाई गई और इस प्रकार इस राज महल ने भारत की राजधानी...

पतंजलि योग पीठ - patanjali yog peeth - योग जनक

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हरिद्वार जिले के बहादराबाद में स्थित भारत का सबसे बड़ा योग शिक्षा संस्थान है । इसकी स्थापना स्वामी रामदेव द्वारा योग का अधिकाधिक प्रचार करने एंव इसे सर्वसुलभ बनाने के उद्देश्य से किया है । आज पतंजलि योग पीठ विश्व भर में प्रसिद्धि प्राप्त कर चुका है। तथा बाबा स्वामी रामदेव जी महाराज आज विश्व भर में योग गुरू के रूप प्रसिद्धि प्राप्त कर चुके है । पतंजलि योग पीठ पतंजलि योग पीठ में योग शिक्षा व आयुर्वैदिक  स्वास्थ्य लाभ के साथ साथ भ्रमण का भी लुफ्त उठाया जा सकता है । हरिद्वार तीर्थ यात्रा पर आने वाले अधिकतर पर्यटक यहाँ योग प्रशिक्षण  भ्रमण तथा स्वास्थ्य लाभ के उद्देश्य से जरूर आते है। यहाँ की भव्य इमारत खुबसूरत बगीचे योग प्रशिक्षण केंद्र तथा अनुसंधान केन्द्र देखने योग्य है। पतंजलि योग पीठ दो भागों में स्थित है । फैस वन और फैस टू। रामानंदी संप्रदाय के संस्थापक, पीठ, नियम व इतिहास पतंजलि योग पीठ पतंजलि योग पीठ फेस 1 योग पीठ फेस 1 के मुख्य द्वार में प्रवेश  करते ही खुबसुरत गार्डन में योग सूत्र के रचनाकार महर्षि पतज्जली शल्य चिकित्सा के जनक महर्षि सुश्रुत तथा चरक संहिता के रचनाकार ...

हुमायूं का मकबरा मुगलों का कब्रिस्तान humanyu tomb history in hindi

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भारत की राजधानी दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन तथा  हजरत निजामुद्दीन दरगाह  के करीब मथुरा रोड़ के निकट  हुमायूं का मकबरा  स्थित है। यह मुग़ल कालीन इमारत दिल्ली पर्यटन के क्षेत्र में बहुत प्रसिद्ध है। तथा यहाँ के पर्यटन स्थलों में अपना अलग ही मुकाम रखती है। इस खुबसूरत इमारत को देखने के लिए दुनिया भर के इतिहास प्रेमी, वास्तुकला प्रेमी तथा पर्यटक आते है। इसकी प्रसिद्धि और महत्वता का अंदाजा यही से लगाया जा सकता है कि अमेरिका के राष्ट्रपति  बराक ओबामा  भी इस भव्य इमारत के दर्शन के लिए यहाँ आ चुके है। तथा 1993 में यूनेस्को  द्वारा इस इमारत को  विश्व धरोहर  घोषित किया गया है। हुमायूं का मकबरा हुमायूं की मृत्यु सन् 1556  में हुई थी। और  हाजी बेगम के नाम से जानी जाने वाली उनकी विधवा पत्नी  हमीदा बानू बेगम  ने 9 वर्ष बाद सन् 1565 में इस मकबरे का निर्माण शुरू करवाया था। 1572 में हुमायूँ का मकबरा बनकर तैयार हुआ था। एक फारसी वास्तुकार  मिराक मिर्जा ग्यासुद्दीन बेग  को इस मकबरे के निर्माण के लिए हाजी बेगम ने नियुक्त कि...

कुतुबमीनार का इतिहास Qutab minar history in hindi

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पिछली पोस्ट में हमने  हुमायूँ के मकबरे  की सैर की थी। आज हम एशिया की सबसे ऊंची मीनार की सैर करेंगे। जो भारत के अनेक शासकों के शासन की गवाही देती है। जिस कों यूनेस्को द्वारा 1983 में विश्व धरोहर घोषित किया गया है जिसे देखने के लिए भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कोने कोने से पर्यटक भारत की राजधानी दिल्ली आते है। अब तो आप समझ गये होगें कि हम किस मीनार की बात कर रहे है। जी हाँ। ठीक समझें हम बात कर रहे है। दक्षिणी दिल्ली क्षेत्र के मेहरौली में स्थित  कुतुबमीनार की। जिसकों दिल्ली के अंतिम हिन्दू शासक की पराजय के तत्काल बाद   दिल्ली के प्रथम मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक  द्वारा  1193 में इसकी नीव रखी गई थी। कुतुबमीनार के सुंदर दृश्य कुतुबमीनार की स्थापत्य विवाद पूर्ण है। कुछ लोगों का मानना है कि भारत में मुस्लिम शासन की शुरुआत में विजय दिवस के रूप में देखते है। तथा कुछ लोगों का मानना है की मस्जिद के मुअज्ज़िन के अजान देने के लिए कराया गया था। जिससे अजान की आवाज़ दूर तक जा सके। कुतुबुद्दीन ऐबक  अपने शासन काल में कुतुबमीनार के आधार का ही निर्माण करा पाया था। कुतुबुद्दीन ऐबक के बाद उसके दामाद एवं उ...

Lotus tample history in hindi कमल मंदिर एशिया का एक मात्र बहाई मंदिर

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भारत की राजधानी के नेहरू प्लेस के पास स्थित एक बहाई उपासना स्थल है। यह उपासना स्थल हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आदि सभी धर्मों के एकता का प्रतीक के रूप जाना व माना जाता है। यहाँ सभी धर्मों के लोग उपासना करते है।( lotus Temple ) इसी कारण इसे एक अलग पहचान मिली हुई है। इस स्थल के अंदर न कोई मूर्ति है और न ही किसी प्रकार का कोई धार्मिक कर्म कांड किया जाता है। यहाँ लोग सिर्फ भगवान को मन में याद करके तथा धार्मिक ग्रन्थों को पढकर पूजा करते है। यह उपासना स्थल मूर्ति पूजा में नहीं अपितु ईश्वर की उपस्थिति में विशवास करता है। विश्व में इस तरह के अभी तक कुल सात ऐसे उपासना स्थल है। एशिया का यह एक मात्र पहला उपासना स्थल है। अब तो आप समझ गये होगें हम किस स्थल की बात कर रहे है। जी हाँ। हम बात कर रहे है।  Lotus tample (कमल मंदिर) अथवा बहाई मंदिर  की। पिछली पोस्ट में हमने  कुतुबमीनार के बारे में जाना और उसकी सैर की थी इस पोस्ट में हम Lotus tample (कमल मंदिर) के बारे में जानेगें और सैर करें कमल मंदिर के सुंदर दृश्य इसकी गिनती दिल्ली के प्रमुख पर्यटन स्थलों में की जाती है तथा 20 शताब्दी में नयी दिल्ली में पर्...

Charminar history in hindi- चारमीनार का इतिहास

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प्रिय पाठकों पिछली पोस्ट में हमने दिल्ली के प्रसिद्ध स्थल स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर के बारे में जाना और उसकी सैर की थी। इस पोस्ट में हम आपको तेलंगाना राज्य के प्रसिद्ध शहर हेदराबाद ले चलेंगे। हेदराबाद शहर किस लिए प्रसिद्ध है यह तो आप सभी अच्छी तरह जानते होगें। हेदराबाद शहर वहाँ स्थित चारमीनार के लिए जाना जाता है। तो इस पोस्ट में हम हेदराबाद में स्थित चारमीनार( charminar history in hindi ) मस्जिद स्मारक की सैर करेगें और जानेगें कि:- चारमीनार को किसने बनवाया चारमीनार का निर्माण क्यों किया गया चारमीनार का निर्माण कब हुआ चारमीनार की कहानी चारमीनार को बनाने में किस मटेरियल का प्रयोग किया गया चारमीनार का इतिहास चारमीनार किस वास्तुशैली में बनाया गया है चारमीनार की ऊचाँई क्या है Charminar history in hindi दिल्ली लाल किले का इतिहास जामा मस्जिद दिल्ली का इतिहास कुतुबमीनार का इतिहास Charminar चारमीनार कहा स्थित है यह इमारत भारत के तेलंगाना राज्य के प्रसिद्ध शहर हेदराबाद में स्थित है। इस इमारत का निर्माण मुसी नदी के पूर्वी तट पर किया गया है। चारमीनार के निर्माण के बाद उसके चारों ओर हेदराबाद शहर ...

Hawamahal history in hindi- हवा महल का इतिहास

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प्रिय पाठकों पिछली पोस्ट में हमने हेदराबाद के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल व स्मारक के बारे में विस्तार से जाना और उसकी सैर की थी। इस पोस्ट में हम आपको लेकर चलेंगे राजस्थान राज्य की राजधानी और पिंक सिटी के नाम से प्रसिद्ध ऐतिहासिक शहर जयपुर की सैर पर। यूँ तो यह गुलाबी शहर अपने आप में अपनी खुबसूरती और पर्यटन के क्षेत्र में ऐतिहासिक स्थलों से पर्यटकों में खास महत्व रखता है। हर वर्ष यहाँ लाखों की संख्या में देशी और विदेशी पर्यटक इस शहर की खुबसूरती को निहारने आते है। वैसे तो इस शहर में घुमने के लिए बहुत कुछ है। परन्तु इस पोस्ट में हम यहाँ के प्रसिद्ध स्थल हवा महल की सैर करेंगे और हवा महल hawamahal के बारे में विस्तार से जानेगें। इस पोस्ट में हम जानेगें कि:- हवा महल कहाँ स्थित है हवा महल का निर्माण किसने कराया हवा महल का निर्माण कब हुआ हवा महल का निर्माण क्यों किया गया था हवा महल का इतिहास क्या है हवा महल की कहानी हवा महल के वास्तुकार कौन थे हवा महल किस वास्तु शैली से बना है। हवा महल का स्थापत्य क्या है हवा महल का नाम हवा महल क्यों पडा हवा महल में कितने झरोखे है हवा महल की ऊचांई क्या है हवा महल को ...

City place Jaipur history in hindi - सिटी प्लेस जयपुर का इतिहास - सिटी प्लेस जयपुर का सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल

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प्रिय पाठकों पिछली पोस्ट में हमने जयपुर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हवा महल की सैर की थी और उसके बारे में विस्तार से जाना था। इस पोस्ट में हम जयपुर के ही एक ओर प्रमुख पर्यटन स्थल सिटी प्लेस ( city place Jaipur ) यानि सिटी महल की सैर करेंगे और उसके बारे में विस्तार से जानेगें और सिटी प्लेस का नाम सुनते ही आपके जहन में आ रहे अनेक सवालों के जवाब जानने की आपकी उत्सुकता भी बढ गई होगी तो चलिये हम आपकी इस उत्सुकता को ओर इन्तजार नहीं करने देगें। सिटी प्लेस क्या है? और यह कहाँ स्थित है? :- सिटी प्लेस भारत के राज्य राजस्थान की पिंक सिटी के नाम से प्रसिद्ध शहर जयपुर में स्थित है। सिटी प्लेस जयपुर शहर के बीचोंबीच स्थित है। सिटी प्लेस एक खुबसूरत महल परिसर और इमारत है। ओर इस खुबसुरत परिसर के अंदर कई और इमारतें विशाल आंगन और आकर्षक बाग़ है। जो इसके राजसी इतिहास की निशानी है। सिटी प्लेस जयपुर के सुंदर दृश्य सिटी प्लेस का नाम सिटी प्लेस क्यों पड़ा? सिटी प्लेस जयपुर सिटी के मध्य में स्थित है इसीलिए इसे सिटी प्लेस  (city place Jaipur) या सिटी महल ( city mahal ) के नाम से जाना जाता है। सिटी महल का निर्माण कब ह...

Jantar mantar jaipur history in hindi - जंतर मंतर जयपुर का इतिहास

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प्रिय पाठको जैसा कि आप सभी जानते है। कि हम भारत के राजस्थान राज्य के प्रसिद् शहर व गुलाबी नगरी के नाम से पहचाना जाने वाले एक खुबसुरत शहर जयपुर के भ्रमणपर है। इस भ्रमण के दौरान हमने जयपुर के प्रसिद पर्यटन स्थलो की सैर कर रहे है। तथा वहा की राजपूताना विरासत की धरोहरो और संस्कृति को विस्तार से जानने की कोशिश कर रहे है। पिछली पोस्टो मे हमने जयपुर के प्रमुख पर्यटन स्थल हवा महल तथा सिटी महल की सैर की थी और उसके बारे मे विस्तार से जाना था। इस पोस्ट मे हम जयपुर के टूरिस्ट प्लेस मे से एक तथा जयपुर टूरिस्ट पैलेस मे प्रमुख स्थान रखने वाले पर्यटन स्थल जंतर मंतर ( janter manter Jaipur ) की सैर करेगे और उसके बारे म विस्तार से जानेगें।  जंतर मंतर कहाँ स्थित है ?  जंतर मंतर जयपुर शहर के मध्य गंगोरी बाजार मे है। यह भव्य इमारत हवा महल तथा सिटी प्लेस के बीच मे स्थित है। तथा यह सिटी प्लेस मे स्थित चन्द्र महल से जुडी हुई है।  जंतर मंतर क्या है Janter manter jaipur  जंतर मंतर एक खगोलीय वेधशाला है तथा एक आश्चर्यजनक मध्यकालीन उपलब्धि है। जंतर मंतर जयपुर के सुंदर दृश्य  जंतर मंतर का निर्माण कब हुआ?  जंतर ...

रूद्रपुर के पर्यटन स्थल - रूद्रपुर दर्शनीय स्थलों

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प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी श्री उधमसिंह के नाम पर इस जिले का नामकरण किया गया है। श्री उधमसिंह ने जनरल डायर की हत्या कर जलियांवाला बाग कांड का प्रतिशोध लिया था। उधमसिंह नगर ( रूद्रपुर ) जिले की स्थापना अक्टूबर 1995 में हुई थी जब इसे नैनीताल जिले से पृथक किया गया था। उधमसिंह नगर जिले का क्षेत्रफल 2908 वर्ग किलोमीटर है। तथा उधमसिंह नगर जिले का जिला मुख्यालय रूद्रपुर roodarpur शहर है। उधमसिंह नगर जिले को कुमांऊ की पहाडियो का मुख्यद्धार भी कहा जाता है। उधमसिंह नगर जिले मे तीन सब डिविजन ( रूद्रपूर, काशीपुर, खटिमा ) तथा चार तहसीले ( काशीपुर, किच्छा, खटिमा, और सितारगंज ) है। यह खुशहाल जिला अपनी ऊपजाऊ भूमि और कौमी एकता के लिए प्रसिद है। उधमसिंह नगर जिले को उत्तरांचल का औधोगिक जिला भी कहा जाता है। इस जिले के अंदर कई बडी बडी औधोगिक ईकाईयां है। जो इस जिले को सृमिद्ध बनाती है। Tourist place near roodarpur (रूद्रपुर) यह प्रसिद नगर उधमसिंह नगर जिले का मुख्यालय है। यहा पर कई बडेे बडे होटल रेस्तरां है। यहां यात्रीयो के ठहरने की उचित व्यवस्था है। इसके अलावा आप यहां के मुख्य बाजारो और प्रमुख मॉलो मे शॉपि...

Amer fort jaipur आमेर का किला जयपुर का इतिहास हिन्दी में

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पिछली पोस्टो मे हमने अपने जयपुर टूर के अंतर्गत जल महल की सैर की थी। और उसके बारे में विस्तार से जाना था। इस पोस्ट में हम जयपुर की ही एक और राजपूताना विरासत व सांसकृतिक धरोहर आमेर दुर्ग amer fort jaipur की सैर करेगें और उसके बारे में विस्तार से जानेगें। यह सांसकृतिक धरोहर राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर के उपनगर आमेर में स्थित है। जयपुर शहर से आमेर की दूरी 11 किलोमीटर के लगभग है। आमेर पर कछवाहा समुदाय के राजपूत शासको का शासन था। तथा उनकी राजधानी भी थी। जिसको बाद में राजा सवाई जयसिंह द्धारा स्थानांतरित कर जयपुर कर दिया गया था। आमेर का किला के सुंदर दृश्य आमेर का किला अरावली पर्वत श्रृखला पर चील के टिले नामक पहाडी की चोटी पर स्थित है। पहाडी के नीचे की ओर माओटा झील है। जिसके पानी मे किले का सुंदर प्रतिबिंब दिखाई पडता है। इस भव्य अजय आमेर का किला का निर्माण राजा मान सिंह प्रथम ने सन् 1592 ई° मे करवाया था उसके बाद राजा सवाई जय सिहं द्धारा इसमें कई योगदान व सुधार कार्य किये गये है। जल महल जयपुर Amer fort jaupur history in hindi Jaipur tourist place amer fort jaipur आमेर के किले के मुख्य प्रवे...